लेखनी प्रतियोगिता -15-Jan-2023 लोहडी़
लोहडी़
लोहडी़ के त्योंहार को मनाने के बिषय में अनेककहानियां प्रचिलित है लोहडी़ का त्योंहार मकर संक्रान्ति से एक दिन पहले मनाया जाता है। अर्थात यह त्योंहार 13 जनवरी को मनाया जाता है। यह त्योंहार मुख्यतः फसल की कटाई व नयी फसल की बुबाई का त्योंहार माना जाता हैं।
यह त्योंहार मुख्य रूप से पंजाब व हरियाणा में ही मनाया जाता है।इस त्योंहार पर लोग 13 जधवरी की रात को इकट्ठा होकर लकडि़या इकट्ठी करके आग जलाते है और आग में मूँगफली तिल गुड़ एवं रेवडी़ डालते है। उस आग के चारों तृफ चक्कर लगाते है। साथही गिद्धा व भंगडा़ करते हैं।
समी पुरुस व औरते मिलकर ढोल नगाडौ़ की धुन पर नाचतें है भगडा़ पाते है। कुछ लोग घर घर जाकर लोहडी़ माँगते हैं। यह त्योंहार बहुत ही श्रद्धा से मनाया जाता है
लोहडी़ के मनाने के बिषय में अनेक कहानिया प्रचिलित है जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं।
- बताते है कि अकबर के समय में दुल्ला भट्टी पंजाब प्रान्त का सरदार था. उसे पता चला की संदलबार (वर्तमान पाकिस्तान) में लड़कियों की बाजारी होती है. तब दुल्ला ने इस का विरोध किया और लड़कियों को दुष्कर्म से बचाया कर उनकी शादी करवा दी. इस विजय के दिन के कारण भी लोग लोहड़ी का पर्व मनाते हैं.
दूसरी कहावत के अनुसार यह कहानी प्रचिलित है:-
जब शिवजी की पत्नी सती अपने पिता के घर बिना बुलाये गयी धी तब से उनके त्याग के रूप में यह त्योहार मनाया जाता है. कथानुसार जब प्रजापति दक्ष के यज्ञ की आग में कूदकर सती ने आत्मदाह कर लिया था. उसी दिन की याद में यह पर्व मनाया जाता है। सबका अपना अलग अलग मत है। लेकिन लोहडी मनाने की तारीख भी बैसाखी की तरह निश्चित है। जिस तरह बैसाखी का त्योंहार नयी फसल के आगमन की सूचना देता है उसी तरह लोहडी़ पर भी खरीफ की नयी फसल आजाती है।
लोहडी़ मुख्य रूप से पंजाबियौ का त्योंहार है। लेकिन आजकल यह त्योंहार भी पूरे भारतवर्ष में मनाया जाने लगा है अब सभी को पंजाबी गानों पर नाचना अच्छा लगता है।
इस तरह लोहडी का त्योंहार उल्लास का भी त्योंहार माना जाता है। लोहडी़ के ऊपर अनेक पंजाबी गायको ने गाने गाये है। उन्ही गानों पर लोग नाचतेहैं।
आजकी दैनिक प्रतियोगिता हेतु रचना।
नरेश शर्मा " पचौरी "
Varsha_Upadhyay
16-Jan-2023 08:33 PM
👏👌🙏🏻
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डॉ. रामबली मिश्र
16-Jan-2023 07:49 PM
बहुत खूब
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madhura
16-Jan-2023 12:41 PM
nice
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